मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते अपने बागी नेताओं पर कड़ा कदम उठाया है। उद्धव ठाकरे ने पांच नेताओं को पार्टी से निष्कासित करने का आदेश जारी किया है, जिनमें भिवंडी के पूर्व विधायक रूपेश म्हात्रे, विश्वास नांदेकर, चंद्रकांत घुगुल, संजय अवारी और प्रसाद ठाकरे का नाम शामिल है।
शिवसेना के भिवंडी लोकसभा क्षेत्र के प्रमुख रूपेश म्हात्रे को भिवंडी पूर्व विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने के फैसले के बाद पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाया गया था। हालांकि, म्हात्रे ने नामांकन वापस ले लिया था, लेकिन पार्टी विरोधी बयानों और कार्यों के कारण उन्हें शिवसेना यूबीटी से निष्कासित कर दिया गया है।
शिवसेना केंद्रीय कार्यालय ने दी जानकारी
शिवसेना के केंद्रीय कार्यालय ने अन्य चार नेताओं—वाणी विधानसभा क्षेत्र के जिला प्रमुख विश्वास नांदेक, ज़री तालुका प्रमुख चंद्रकांत घुगुल, मारेगांव तालुका प्रमुख संजय अवारी, और यवतमाल के वाणी तालुका प्रमुख प्रसाद ठाकरे के निष्कासन की भी पुष्टि की है। इन सभी पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।
उद्धव ठाकरे ने दिया था अल्टीमेटम
महाराष्ट्र चुनाव में बागियों पर कड़ा रुख अपनाते हुए उद्धव ठाकरे ने चुनाव से पहले बागी नेताओं को आखिरी चेतावनी दी थी। सोमवार, 4 नवंबर को नाम वापसी की अंतिम तिथि से पहले ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी बागियों को अल्टीमेटम जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि अगर समय रहते नामांकन वापस नहीं लिया गया, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कुछ नेताओं ने अल्टीमेटम के बाद नामांकन वापस ले लिया था, लेकिन कुछ अपने निर्णय पर अड़े रहे। अब उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने इन नेताओं पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पार्टी ने इस कदम को अनुशासन बनाए रखने और पार्टी हितों की रक्षा के लिए जरूरी बताया है।