जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए भयावह आतंकी हमले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने आतंकवादियों को चेतावनी दी कि उनके इस कायरतापूर्ण हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक आतंकवाद का सफाया नहीं हो जाता, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी।
“भ्रम में न रहें आतंकवादी, लड़ाई अब और तेज़ होगी” – शाह
गृह मंत्री ने कहा, “हमारे 27 नागरिकों की जान लेकर आतंकवादी यह न समझें कि वे कोई लड़ाई जीत गए हैं। हमारी लड़ाई आतंकवाद के खात्मे तक जारी रहेगी और जिन्होंने यह कायरतापूर्ण कृत्य किया है, उन्हें उचित दंड दिया जाएगा।” उन्होंने दोहराया कि यह एक पड़ाव है, अंत नहीं — और हर एक को चुन-चुन कर जवाब मिलेगा।
मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का ज़िक्र
अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दोहराते हुए कहा कि कश्मीर, पूर्वोत्तर या वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र — सरकार ने हर मोर्चे पर सख्ती से कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि देश की “इंच-इंच भूमि से आतंकवाद का समूल नाश किया जाएगा।”
“दुनिया भारत के साथ खड़ी है”
अपने भाषण में शाह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ इस संघर्ष में न सिर्फ 140 करोड़ भारतीय एकजुट हैं, बल्कि दुनिया के कई देश भारत के समर्थन में खड़े हैं। उन्होंने कहा, “भारत की जनता और वैश्विक समुदाय आतंक के खिलाफ एक साझा लड़ाई लड़ रहे हैं।”
बोडोफा की प्रतिमा का अनावरण भी किया गया
इस कार्यक्रम में अमित शाह ने बोडो समुदाय के नेता उपेंद्रनाथ ब्रह्मा (बोडोफा) की प्रतिमा का अनावरण और सड़क का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा न केवल बोडो समाज के लिए, बल्कि उन सभी जनजातीय समुदायों के लिए प्रेरणा है, जिन्होंने अपनी भाषा, संस्कृति और अधिकारों के लिए संघर्ष किया है।
हमला: ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ में 26 की मौत, TRF ने ली जिम्मेदारी
22 अप्रैल को पहलगाम के पास ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहे जाने वाले बैसरन क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हुई। हमलावरों ने खच्चर की सवारी कर रहे और भोजनालयों के पास मौजूद निहत्थे पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। अधिकारियों के अनुसार मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक शामिल थे। प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
उमर अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस हमले को “हाल के वर्षों में आम नागरिकों पर हुआ सबसे बड़ा हमला” बताया। उन्होंने घटना की कड़ी निंदा की और इसे सुरक्षा तंत्र के लिए एक गंभीर चेतावनी करार दिया।
पुलवामा के बाद सबसे घातक हमला
यह हमला फरवरी 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। जिस समय यह हमला हुआ, उस दौरान अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत यात्रा पर थे और घाटी में पर्यटन सीजन अपने चरम पर था।